हिन्दी दिवस के अवसर पर ओएनजीसी विदेश लिमिटेड के दिल्ली कार्यालय में राजभाषा पखवाड़ा का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर मंच का संचालन करते हुए श्री अजीत कुमार देशवाल, कार्यकारी निदेशक ने मंचासीन अधिकारियों सहित सभी उपस्थित कार्मिकों का स्वागत किया। उन्होंने कार्मिकों को अधिकाधिक हिन्दी में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया।
हिन्दी पखवाड़े का उद्घाटन करते समय श्री पी. के. राव, निदेशक (प्रचालन) ने कहा कि ओवीएल में हिंदीमय वातावरण बनाने के लिए सभी कार्मिकों का सतत व सराहनीय योगदान है। उन्होंने संसदीय राजभाषा समिति द्वारा उपलब्ध कराई गई प्रश्नावली में तथ्यपूर्ण आंकड़े दिये जाने का सुझाव भी दिया। हम अगर पूरा वर्ष हिन्दी में कार्य करते रहें तो माननीय समिति को उपलब्ध कराई जाने वाली जानकारी में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही यह भी सुझाव दिया कि हमें हस्ताक्षर हिन्दी में ही करने चाहिए।
श्री सुधीर शर्मा, निदेशक (अन्वेषण) ने इस अवसर पर हिन्दी पखवाड़ा आयोजन के सफल होने तथा अपने कामकाज में अधिकाधिक सरल एवं आम बोलचाल की हिन्दी के प्रयोग को बढ़ाने का सुझाव दिया। श्री सुधीर शर्मा ने इस बात का भी उल्लेख किया कि पहली बार ओएनजीसी विदेश की बोर्ड मीटिंग मे मूल रूप से हिन्दी में एजेंडा प्रस्तुत किया गया।उन्होंने मानव संसाधन विभाग द्वारा बताए जा रहे कॉर्पोरेट ब्रोथर को हिन्दी में भी बनाने का सुझाव दिया।
श्री विवेकानन्द, निदेशक (वित्त) ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा कि राजभाषा नीति का कार्यान्वयन किसी एक अधिकारी या कार्मिक का दायित्व नहीं है, इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है। इसके साथ ही श्री विवेकानन्द ने ओएनजीसी विदेश में पहली बार ई-मेल में नाम हिन्दी में किए जाने की सराहना की।
श्री अजीत कुमार देशवाल ने पहली बार ई-मेल में नाम हिन्दी में किए जाने के लिए सुश्री प्रीति चौधरी, राजभाषा अधिकारी की सराहना की।
हिन्दी पखवाड़ा समारोह के उद्घाटन के पश्चात् सुलेख एवं आशुभाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें कार्मिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।