I thank you all for the kind wishes you have expressed on my appointment as the Managing Director Of ONGC Videsh. I have assumed the charge Of MD in the middle of the black swan event which has challenged the global
hydrocarbon industry in an unimaginable manner and continues to exert pressure on its very existence. The Company has been through a transitionary phase in the last few years, in terms Of pressures Of returns on its portfolio, depletion of experience due to superannuation and transfers, and more importantly ageing of its production assets as they are past their peak/plateau production. We are therefore faced With a very challenging scenario.
The Oil industry has survived several cycles Of adversity through collective efforts of all its stake holders— be it CRINE initiative or CORAL alliances, but the current crisis has huge enormity owing to supply side pressures, cross-industry competitiveness, cleaner energy concerns, technological innovations in extracting energy from alternate resources, etc. and ONGC Videsh also has to reinvent itself to keep pace and come good in these dynamic and tough times.
I assume this office in the back drop of very high expectations from the Government, from our parent company and all our stakeholders and we need to quickly regroup ourselves to deliver against the expectations and strive to
exceed the deliverables. It calls for greater application Of mind, innovative measures, close monitoring of our assets along with partners and stakeholders, and much higher level of personal and collective efforts.
I beseech your best foot forward under the situation, in terms of carrying out proper due diligence, making concise and reasoned proposals with clarity on the analysis outcome and recommendations. Proposals must be setting clear
timelines for actions on each proposition received in your respective offices, working backwards from the scheduled date of decision, with time against each level in the approval process. I must advice, that while sincerity, hard work and timely deliverables will be suitably rewarded, any delays and fait accompli situations will invite appropriate action. The second suggestion, I want to make to all the ONGC Videsh employees is to work as a team in a cooperative mode rather than competing against each Other with a confrontational approach. Thirdly, it is extremely important in ONGC Videsh to carefully read the subject proposals, all the contract documents — PSC, JoA, Incorporation agreements, SPAs, and examine proposals in the backdrop of relevant provisions in the JV
and other contractual agreements. 4 D’s are my expectations from OVL team — discipline, diligence, dedication, and delivery.
On my part, I assure complete transparency and unbiased approach in the decisions taken. Rest assured of my unstinted support and encouragement. So, let us group together and try to take ONGC Videsh to newer levels of
excellence for its benefit and ONGC’s benefit. I am sure that with the support Of all team members and with mutual faith and respect, we shall be able to overcome all challenges and take ONGC Videsh to new heights. I must also emphasize that while discharging our responsibilities, we must observe all Covid 19 precautions and adhere to the protocols and guidelines Of the Government and ONGC.
I extend my good wishes you and your family on the ongoing festive seasons.
With warm regards,
Alok K Gupta
MD & CEO
ONGC Videsh Limited
ओएनजीसी विदेश के प्रबंध निदेशक के रूप में मेरी नियुक्ति पर आपने जो शुभकामनाएं व्यक्त की हैं, उसके लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं। मैंने ब्लैक स्वान घटना के बीच में प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया है, जिसने एक अकल्पनीय तरीके से वैश्विक हाइड्रोकार्बन उद्योग को चुनौती दी है और इसके अस्तित्व पर ही दबाव डालना जारी रखा है। कंपनी पिछले कुछ वर्षों में अपने पोर्टफोलियो पर प्रतिलाभ के दबाव, सेवानिवृत्ति और स्थानान्तरण के कारण अनुभव की कमी, और सबसे अधिक महत्वपूर्ण अपनी उत्पादन परिसंपत्तियों के पुराने पड़ने के कारण एक संक्रमणकालीन चरण से गुजर रही है क्योंकि वे अपने चरम/सतत उत्पादन को पार कर चुकी हैं। इसलिए हम एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण परिदृश्य का सामना कर रहे हैं ।
तेल उद्योग अपने सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों के माध्यम से प्रतिकूल परिस्थितियों के कई चक्रों से बच गया है- चाहे वह क्रिन पहल हो या कोरल गठबंधन हो, लेकिन मौजूदा संकट आपूर्ति पक्ष दबाव, अंतर उद्योग प्रतिस्पर्धा, स्वच्छ ऊर्जा सरोकारों, वैकल्पिक स्रोतों, आदि से ऊर्जा प्राप्त करने में तकनीकी नवाचार के कारण बहुत गंभीर है और ओएनजीसी विदेश को भी गति बनाए रखने और इन परिवर्तनशील और कठिन समय में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए खुद को सुदृढ़ करना होगा।
मैं इस कार्यालय का कार्यभार ऐसी पृष्ठभूमि में संभाल रहा हूँ जब सरकार की, हमारी मूल कंपनी और हमारे सभी हितधारकों की हमसे बहुत अधिक उम्मीदें हैं और हमें उम्मीदों के प्रति परिदान (डेलिवर) हेतु स्वयं को जल्दी से फिर से संगठित करने की जरूरत है और परिदान से परे जाने का प्रयास करना है। इसके लिए मस्तिष्क के अधिक से अधिक उपयोग, नवीन उपायों, भागीदारों और हितधारकों के साथ हमारी परिसंपत्ति की करीबी निगरानी और उच्च स्तर की व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
इस स्थिति में मैं उचित सम्यक तत्परता, विश्लेषण परिणाम और सिफारिशों की स्पष्टता के साथ संक्षिप्त और तर्कसंगत प्रस्ताव देने की दृष्टि से, आपके सबसे अच्छी शुरूआत करने का अनुरोध करता हूं। अनुमोदन प्रक्रिया के प्रत्येक स्तर पर समय को दृष्टिगत रखते हुए, निर्णय की प्रस्तावित तिथि से पीछे की ओर कार्य करते हुए आपके संबंधित कार्यालयों में प्राप्त प्रत्येक प्रस्ताव पर कार्रवाई के लिए स्पष्ट समय सीमा निर्धारित होनी चाहिए। मुझे यह सलाह जरूर देनी चाहिए, कि हालांकि ईमानदारी, कड़ी मेहनत और समय पर परिदान को उचित रूप से पुरस्कृत किया जाएगा, किसी भी देरी और असफल परिस्थितियों के लिए उचित कार्रवाई भी की जाएगी। दूसरा सुझाव, मैं ओएनजीसी विदेश के सभी कर्मचारियों से कहना चाहता हूं कि एक-दूसरे के विरुद्ध टकराव के दृष्टिकोण से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय सहकारी तरीके में एक टीम के रूप में काम करना है। तीसरा, ओएनजीसी विदेश में विषयगत प्रस्तावों, सभी संविदा दस्तावेजों – पीएससी, जेओए, निगमन समझौतों, एसपीए को ध्यान से पढ़ना है और संयुक्त उद्यम में प्रासंगिक प्रावधानों की पृष्ठभूमि में प्रस्तावों और अन्य संविदात्मक समझौते की जांच करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। टीम ओवीएल से मेरी अपेक्षाएं 4 डी की हैं – डिसिप्लिन (अनुशासन), डिलिजेंस (तत्परता), डेडिकेशन (समर्पण) और डिस्ट्रीब्यूशन (वितरण)।
मैं अपनी ओर से लिए गए निर्णयों में पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्ष दृष्टिकोण का आश्वासन देता हूं। मेरे निरंतर समर्थन और प्रोत्साहन के लिए आश्वस्त रहें। तो, आइए हम एक साथ मिल कर काम करें और ओएनजीसी विदेश को इसके लाभ और ओएनजीसी के लाभ के लिए नए स्तरों पर ले जाने का प्रयास करें। मुझे विश्वास है कि टीम के सभी सदस्यों के समर्थन और आपसी विश्वास और सम्मान के साथ, हम सभी चुनौतियों से पार पाने और ओएनजीसी विदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सक्षम होंगे। मुझे इस बात पर भी जोर देना चाहिए कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए, हमें सभी कोविड- 19 सावधानियों का पालन करना चाहिए और सरकार और ओएनजीसी के प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
मैं आपको और आपके परिवार को वर्तमान त्योहारों के मौसम में शुभकामनाएं देता हूं।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
आलोक कुमार गुप्ता
प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी
ओएनजीसी विदेश लिमिटेड